प्रक्षेपास्त्रों के प्रकार Types Of Missiles
प्रमुख रूप से मिसाइल दो प्रकार के होते हैं,
क्रूज मिसाइल Cruise Missileबैलिस्टिक मिसाइल Ballistic Missile
परन्तु इनका वर्गीकरण इसके प्रक्षेपण (launch mode), इनकी मारक क्षमता (range), संचालक शक्ति (propulsion), हथियारों (warhead) और निर्देशन प्रणाली (guidance system) के प्रकार के आधार पर भी किया जाता है।
प्रक्षेपण के आधार पर मिसाइलों के प्रकारTypes Of Missiles On The Basis Of Launch Mode
सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल Surface-To -Surface Missileसतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल Surface-To-Air Missileसतह (समुद्र-तट) से समुद्र में मार करने वाली मिसाइल Surface (Coast)-To- Sea Missileहवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल Air-To -Air Missileहवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल Air-To- Surface Missileसमुद्र से समुद्र में मार करने वाली मिसाइल Sea-To- Sea Missileसमुद्र से सतह (तट) पर मार करने वाली मिसाइल Sea-To- Surface Missileटैंक रोधी मिसाइल Anti-Tank Missile
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दूरी या मारक क्षमता के आधार पर मिसाइलों के प्रकार Types Of Missiles On The Basis Of Range
कम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल Short Range Missilesमध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल Medium-Range Ballistic Missiles (MRBM)मध्यवर्ती दूरी तक मार करने वाली मिसाइल Intermediate-Range Ballistic Missiles(IRBM)अंतरमहाद्वीपीय दूरी तक मार करने की क्षमता वाली मिसाइल Intercontinental Or Long-Range Ballistic Missiles(ICBM)
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नोदन या संचालक शक्ति के आधार पर मिसाइलों के प्रकार Types Of Missiles On The Basis Of Propulsion
ठोस नोदन Solid Propulsionतरल नोदन Liquid Propulsionमिश्रित नोदन Hybrid Propulsionरैमजेट Ramjetस्क्रैमजेट Scramjetनिम्नतापी नोदन Cryogenic
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हथियारों के आधार परप्रक्षेपास्त्रों के प्रकार Types Of Missiles On The Basis Of Warhead
पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम Conventionalसामरिक हथियार ले जाने में सक्षम Strategic
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निर्देशन प्रणाली के आधार पर मिसाइलों के प्रकारTypes Of Missiles On The Basis Of Guidance System
तार द्वारा निर्देश Wire Guidanceसमादेश निर्देश Command Guidanceतुलनात्मक भूभागीय निर्देश Terrain Comparison Guidanceस्थलीय या पार्थिव निर्देश Terrestrial Guidanceजड़त्वीय निर्देश Inertial Guidanceलेजर निर्देश Laser Guidanceकिरणपुंज आरोही निर्देशन Beam Rider Guidanceग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस.) और रेडियो फ्रीक्वेंसी द्वारा (आर.एफ.) निर्देश Global Positioning System (GPS) and Radio Frequency (RF) Guidance
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क्रूज मिसाइल Cruise Missile
क्रूज मिसाइलें स्वचालित, स्व निर्देशित होती है.। ये सतह के काफी नजदीक उड़ते हैं। क्रूज मिसाइलें ज्वलनशील विस्फोटक के द्वारा लक्ष्य को भेदती हैं। यह प्रक्षेपास्त्र प्राय: जेट इंजन से चालित होता है। इन प्रक्षेपास्त्रों को विस्फोटकों को उच्च सटीकता एवं उच्च गति से ले जाने के लिए बनाया जाता है।
गति के आधार पर क्रूज मिसाइलें 3 प्रकार की हो सकती हैं-
अवध्वनिकक्रूजप्रक्षेपास्त्र Subsonic Cruise Missile – इस प्रकार के मिसाइलों की रफ़्तार ध्वनि की रफ़्तार से कम होती है। ये मिसाइलें लगभग 0.8 मैक(1 मैक ध्वनि के रफ़्तार के बराबर अर्थात 343.2 मी./से. या1236 किमी./घं) होती है। इस प्रकार की मिसाइलों का अच्छा उदाहरण अमेरिका की टॉमहॉक (Tomahawk) और फ्रांस की एक्सोसल (Exocel) है।
पराध्वनिकक्रूज प्रक्षेपास्त्र Supersonic Cruise Missile- इस प्रकार की मिसाइलें लगभग 2 से 3 मैक की रफ़्तार से उड़ने में सक्षम होती हैं, अर्थात ये लगभग 1 किमी. की दुरी 1 सेकंड में तय कर लेती हैं। उच्च गति से उड़ने के कारण ये मिसाइलें अति विध्वंसक होती हैं। भारत और रूस के सहयोग से निर्मित ब्रह्मोस (BRAHMOS) मिसाइलें इस श्रेणी में आती हैं। ब्रह्मोस मिसाइल विश्व में अपनी श्रेणी का एकमात्र कार्यरत प्रक्षेपास्त्र है।
अतिध्वनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र Hypersonic Cruise Missile- 5 मैक से अधिक गति से उड़ने वाली मिसाइलें इस श्रेणी में आती है। भारत में ब्रह्मोस – II का विकास इस श्रेणी में किया जा रहा है। विश्व के कई अन्य देश भी इस तरह की मिसाइलो के विकास की प्रक्रिया में शामिल हैं।
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बैलिस्टिक मिसाइल Ballistic Missile
बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र या बैलिस्टिक मिसाइल (ballistic missile) उस प्रक्षेपास्त्र को कहते हैं जिसका प्रक्षेपण पथ सब-आर्बिटल बैलिस्टिक पथ होता है। इसका उपयोग किसी हथियार (प्राय: नाभिकीय अस्त्र) को किसी पूर्वनिर्धारित लक्ष्य पर दागने के लिये किया जाता है। यह मिसाइल अपने प्रक्षेपण के प्रारम्भिक चरण में ही निर्देशित की जाती है; उसके बाद इनका पथ कक्षीय यांत्रिकी (या आर्बिटल मेकैनिक्स) के सिद्धान्तों एवं बैलिस्टिक्स के सिद्धान्तों से निर्धारित होता है। अभी तक इन्हें रासायनिक रॉकेट इंजनों के द्वारा प्रणोदित (प्रोपेल) किया जाता है। यह मिसाइलें बड़ी मात्रा में विस्फोटकों को ले जाने में सक्षम होती हैं। भारत की पृथ्वी, अग्नि, और धनुष मिसाइलें इस श्रेणी में आती हैं।
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प्रक्षेपण के आधार पर मिसाइलों के प्रकारTypes Of Missiles On The Basis Of Launch Mode
सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल Surface-To -Surface Missile, SSM- वे मिसाइलें जिनका प्रक्षेपण सतह, किसी वाहन, या किसी निश्चित जगह से किया जाता है। इनका संचालन रॉकेट इंजनो या निश्चित स्थान पर होने के कारण विस्फोटकों द्वारा भी किया जाता है।
सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल Surface-To-Air Missile, SAM- इन मिसाइलों का विकास सतह से असमान में उड़ने वाले लक्ष्यों को भेदने और अन्य मिसाइलों को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
सतह (समुद्र-तट) से समुद्रमें मार करने वाली मिसाइल Surface (Coast)-To- Sea Missile- इनका प्रयोग सतह से समुद्र में स्थित लक्ष्यों को भेदने के लिए किया जाता है।
हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल Air-To -Air Missile, AAM- इनका प्रयोग वायु-यान से शत्रु के विमानों को नष्ट करने में किया जाता है। इस मिसाइलों की गति 4 मैक तक हो सकती है।
हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल Air-To- Surface Missile, ASM- इस प्रकार की मिसाइलों का विकास किसी वायुयान से जमीन या समुद की सतह पर स्थित लक्ष्यों को भेदने में किया जाता है। इन मिसाइलों में उच्च तकनीक जैसे लेजर निर्देश और जी.पी एस. का भी प्रयोग किया जाता है। निर्देश प्रणाली मिसाइल के लक्ष्य पर निर्भर करती है।
समुद्र से समुद्र में मार करने वाली मिसाइल Sea-To- Sea Missile- इनका विकास अपने जहाजों से शत्रु के जहाजो को नष्ट करने में किया जाता है।
समुद्र से सतह (तट) पर मार करने वाली मिसाइल Sea-To- Surface Missile- इनका प्रयोग जहाजों से समुद्र तटों या सतह पर स्थित लक्ष्यों को भेदने में किया जाता है।
टैंक रोधी मिसाइल Anti-Tank Missile- इनका प्रयोग टैंको और अन्य युद्धक वाहनों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। इन्हें वायुयानों, हेलीकॉप्टरों, टैंक और कन्धों पर रखे जाने वाले प्रक्षेपकों द्वारा भी प्रक्षेपित किया जा सकता है।
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दूरी या मारक क्षमता के आधार पर मिसाइलों के प्रकार Types Of Missiles On The Basis Of Range- इस प्रकार की मिसाइलों का वर्गीकरण उनके द्वारा तय की गयी अधिकतम दूरी के आधार पर किया जाता है। दुरी के आधार पर ये इस प्रकार की हो सकती हैं-
कम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल Short Range Missilesमध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल Medium-Range Ballistic Missiles (MRBM)मध्यवर्ती दूरी तक मार करने वाली मिसाइल Intermediate-Range Ballistic Missiles (IRBM)अंतरमहाद्वीपीय दूरी तक मार करने की क्षमता वाली मिसाइल Intercontinental Or Long-Range Ballistic Missiles (ICBM)
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नोदन या संचालक शक्ति के आधार पर मिसाइलों के प्रकार Types Of Missiles On The Basis Of Propulsion
ठोस नोदन Solid Propulsion- इस प्रकार की मिसाइलों में ठोस इंधन का इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रमुख रूप से अल्युमिनियम का पाउडर होता है। ठोस इंधनों के प्रयोग का लाभ यह होता है कि, इन्हें आसानी से संग्रहित किया जा सकता है। इनसे आसानी से उच्च गति पाई जा सकती है।
तरल नोदन Liquid Propulsion- इस प्रकार की मिसाइलों में तरल ईंधनों का प्रयोग किया जाता है। ये ईंधन प्रमुख रूप से हाइड्रोकार्बन होते हैं। इस मिसाइलों का रख-रखाव मुश्किल होता है। परन्तु इनके प्रक्षेपण आसानी से ईंधन के बहाव को वाल्व द्वार रोककर, नियंत्रित किया जा सकता है। तरल ईंधनों से मिसाइलों में बेहतर आवेग प्राप्त किया जा सकता है। आपातकालीन परिस्थितियों में इनको रोकना व् नियंत्रित करना आसान होता है।
मिश्रित नोदन Hybrid Propulsion- इस प्रकार की मिसाइलों में ठोस व् तरल ईंधनों का इस्तेमाल होता है। इनमे दोनों प्रकार की मिसाइलों के लाभ व् हानियाँ पाई जाती हैं।
रैमजेट Ramjet – रैमजेट इंजनो में जेट इंजनों की तरह हवा के प्रवाह के लिए टरबाइन नहीं होती हैं, बल्कि इनमे हवा का प्रवाह मिसाइलों की गति के साथ ही होता है। निश्चित गति पर पहुँचने के बाद ईंधन को जलाने पर बड़ी मात्रा में गैसे पैदा होती हैं और ये पराध्वनिक गति से बाहर निकलती हैं। जीने मिसाइलों में बहुत ही उच्च गति प्राप्त की जा सकती है। परन्तु रैमजेट इंजनों से किसी वस्तु को जीरो से पराध्वनिक (zero to supersonic) गति पर नहीं पहुँचाया जा सकता है।
स्क्रैमजेट Scramjet- स्क्रैमजेट, रैमजेट इंजनों का ही विकसित रूप है, जिसका अर्थ होता है- Supersonic Combustion Ramjet।इनमे पराध्वनिक गति से भी उच्च गति पर गैसों को जलाया जाता है। सामान्य तौर पर ईंधन के रूप हाइड्रोजन का प्रयोग किया जाता है।
निम्नतापी नोदन Cryogenic- इस प्रकार की मिसाइलों में अति निम्न ताप पर ईंधन का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार के इंजनों के लिए अति उच्च तकनीक की आवश्यकता होती है और इनका रखरखाव भी मुश्किल होता है। इन मिसाइलों से लम्बी दूरी तक बेहतर आवेग प्राप्त किया जा सकता है।
इन नोदकों के आलावा वैज्ञानिक आयनिक (ionic), नाभिकीय (nuclear) और प्लाज्मा (plasma) नोदकों के प्रयोग से चलने वाले, मिसाइलो के विकास में जुटे हैं।
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हथियारों के आधार परप्रक्षेपास्त्रों के प्रकार Types Of Missiles On The Basis Of Warhead
पारंपरिकहथियार ले जाने में सक्षम Conventional- इस प्रकार की मिसाइलों से उच्च उर्जा वाले विस्फोटकों को ले जाया जाता है, जिनका प्रयोग निश्चित लक्ष्यों को भेदने में किया जाता है।
सामरिक हथियार ले जाने में सक्षम Strategic- इस प्रकार की मिसाइलों का प्रयोग प्रमुख रूप से नाभिकीय हथियारों को ले जाने में किया जाता है, जिनका उद्देश्य सामूहिक विनाश करना होता है।
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निर्देशन प्रणाली के आधार पर मिसाइलों के प्रकारTypes Of Missiles On The Basis Of Guidance System
तार द्वारा निर्देश Wire Guidance- इस प्रकार की मिसाइलों में तार द्वारा निर्देश दिए जाते हैं, जो मिसाइल के प्रक्षेपण से समय निर्देश देने के बाद उससे अलग हो जाते हैं।
समादेश निर्देश Command Guidance- इस प्रकार की मिसाइलों पर प्रक्षेपण के बाद भी उन पर नजर रखी जा सकती है, तथा मिसाइल द्वारा भेजे गए चित्र भी प्राप्त किये जा सकते हैं। इन्हें रेडियो, लेज़र, पतले तारों और ऑप्टिकल फाइबर से भी निर्देश दिए जा सकते हैं।
तुलनात्मक भूभागीय निर्देश Terrain Comparison (TERCOM) Guidance- इस प्रकार की मिसाइलों में संवेदनशील अल्टीमीटर (Altimeter-ऊंचाई नापने वाला यंत्र) लगे होते हैं। इस प्रकार की मिसाइलें ज्यादातर क्रूजमिसाइलें होती हैं।
स्थलीय या पार्थिव निर्देश Terrestrial Guidance- इस प्रकार कीमिसाइलें तारों आदि के द्वारा अपने पथ का निर्धारण करती हैं।
जड़त्वीय निर्देश Inertial Guidance- इस प्रकार की मिसाइलों में गाईरोस्कोप (gyroscope), त्वरणमापी (Accelerometer) आदि आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। ये जयादातर सतह से सतह पर मार करने वाली क्रूज मिसाइलें होती हैं।
लेजर निर्देश Laser Guidance- इस प्रकारकी मिसाइलों में लक्ष्य पर लेज़र किरण छोड़ी जाती है जिसकी पहचान मिसाइल द्व्रारा करके लक्ष्य को भेदा जाता है। इस प्रकार की मिसाइलों से छोटे लक्ष्यों को सटीकता से भेदा जा सकता है।
किरणपुंज आरोही निर्देशन Beam Rider Guidance- इस प्रकार की मिसाइलों में रडार से निर्देश भेजकर लक्ष्यों का निर्धारण किया जाता है, और मिसाइलों द्वारा इन निर्देशों को प्राप्त करके लक्ष्यों को भेदा जाता है। इनमे एक या अधिक राडारों का इस्तेमाल हो सकता है।
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस.) और रेडियो फ्रीक्वेंसी द्वारा (आर.एफ.) निर्देश Global Positioning System (GPS) and Radio Frequency (RF) Guidance – इस प्रकार की आधुनिक तकनीक से युक्त मिसाइलें अपने लक्ष्यों की पहचान करके उन्हें भेद कर सकती हैं। इन तकनीकों से युक्त मिसाइलों की सटीकता बहुत अच्छी होती है।
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