भारतीय रूपये के बाारे में रोचक जानकारी
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दुनियॉ में पैसे के कागज को तैयार करने की चार फर्म हैं
फ्रांस के अर्जो विगिज
अमेरिका के पोर्टल
स्वीडन के गेन
पेपर फैब्रिक्स ल्यूसेंटल
बैंक किस मूल्य के कितने नोट छापेगा यह विकास दर, मुद्रास्फीति दर, कटे-फटे नोटों की संख्या और रिजर्व स्टॉक की जरूरतों पर निर्भर करता है
देश में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में सिक्यॉरिटी पेपर मिल है नोट छपाई पेपर होशंगाबाद और विदेश से आते हैं
देश में चार बैंक नोट प्रेस जहॉ नोटों की छपाई की जाती है
देवास (मध्य प्रदेश)
नासिक (महाराष्ट्र)
सालबोनी (पश्चिम बंगाल)
मैसूर(कर्नाटक)
देवास प्रेस में 20, 50, 100, 500, रूपए के नोट छपते हैं
देवास में ही नोटों में प्रयोग होने वाली स्याही का उत्पादन किया जाता है
1938 में पहली बार रिजर्व बैंक ने 10,000 रुपए का नोट भारत में छापा था
रिजर्व बैंक ने जनवरी 1938 में पहली पेपर करंसी छापी थी, जो 5 रुपए नोट की थी
भारत में सिक्कों की ढलाई के लिए चार टकसाल हैं
मुंबई
कोलकाता
हैदराबाद
नोएडा
हर सिक्के पर एक निशान छपा होता है जिसको देखकर पता लगाया जा सकता है कि यह किस मिंट का है
मुंबई – हीरा [◆]
नोएडा – डाॅट [.]
हैदराबाद – सितारा [★]
कोलकाता – कोई निशान नहीं
इस मिंट की शुरुआत 1986 में हुई थी सबसे पहले 50 पैसे के सिक्के पर बनाया गया था
सन 2010 और 2011 मे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के प्लेटिनम जुबली पर 75 रुपए का रवीन्द्रनाथ के 150 जयंती पर 150 रुपए के और वृहदेश्वर मंदिर के एक हजार वर्ष पर 1000 के सिक्के यादगार के रूप मे ढाले गए थे
आजादी से पहले नोटों पर जार्ज पंचम और क्वीन विक्टोरिया की तस्वीरें होती थीं
आजादी के बाद इन नोटों पर महात्मा गांधी से लेकर अशोक स्तंभ की तस्वीरें छपने लगी
अशोक स्तंभ सीरीज वाले नोट अक्टूबर 1987 में आए थे
नोट तैयार करते वक्त ही उनकी ‘शेल्फ लाइफ’ (सही बने रहने की अवधि) तय की जाती है इस अवधि के बाद प्रचलित नोटों को रिजर्ब बैंक आपने पास बापस ले लेती हैै और सबसे पहले बैक इनके असली होने की जॉच करती है और उसकेे बाद उन्हें इश्यू ऑफिसों में जमा कर दिए जाते हैं
Wednesday, 7 December 2016
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