#हाइड्रोजन से चलने वाली #विश्व की पहली #ट्रेन
ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में #जर्मनी हमेशा आगे रहा है और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कार ब्रांड्स जर्मनी ने ही दिए हैं। इस बार जर्मनी ने एक ऐसी ट्रेन पेश की है जो कि पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बताई जा रही है।
जर्मनी के एक ट्रेड शो में विश्व की पहली ज़ीरो एमिशन (शून्य उत्सर्जन-कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन मुक्त) ट्रेन पेश की गई है।
हाइड्रोजन से चलने वाली 'कोराडिया आईलिंट' नामक इस ट्रेन को फ्रांसीसी कंपनी अल्सटॉम ने बनाया है.
इस ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 140 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
आईलिंट पहली ट्रेन है जो शून्य कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सजर्न करती है।
ट्रेन चलने के दौरान इसमें से केवल भाप बाहर आती है यानी इससे वायु प्रदूषण नहीं होता।
इसे जर्मनी की चार हजार डीजल ट्रेनों का विकल्प बनाने की तैयारी हो रही है।
यदि इस ट्रेन का परीक्षण सफल रहता है, तो जल्द ही 14 और ऐसी ट्रेनें चलाई जाएंगी।
इस ट्रेन का परीक्षण इस साल के अंत तक किया जाएगा और अगले साल के अंत तक यह यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी।
आईलिंट में लिथियम आयन बैटरी लगी है। छत पर हाइड्रोजन ईंधन टैंक लगे है। यह हाइड्रोजन ऑक्सीजन के साथ जलकर ऊर्जा उत्पन्न करता है और अतिरिक्त पदार्थ के रूप में इसमें से केवल पानी निकलता है।
विदित हो कि नीदरलैंड, नार्वे और डेनमार्क भी यह ट्रेन चलाने के लिए रूचि दिखा चुके हैं।
इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा हाइड्रोजन ईंधन से रॉकेट चला चुकी है।
जर्मनी की सड़कों पर हाइड्रोजन से चलने वाली कारों और बसों के साथ परीक्षण तो कई वर्षों से चल ही रहे हैं, जर्मनी के हैम्बर्ग नगर में संसार का ऐसा पहला पानी का जहाज भी चल रहा है, जिसमें हाइड्रोजन गैस ईंधन का काम करती है. यह एक पर्यटक जहाज है, जो पर्यटकों को हैम्बर्ग की अल्सटर झील की सैर कराता है.
ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में #जर्मनी हमेशा आगे रहा है और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कार ब्रांड्स जर्मनी ने ही दिए हैं। इस बार जर्मनी ने एक ऐसी ट्रेन पेश की है जो कि पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बताई जा रही है।
जर्मनी के एक ट्रेड शो में विश्व की पहली ज़ीरो एमिशन (शून्य उत्सर्जन-कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन मुक्त) ट्रेन पेश की गई है।
हाइड्रोजन से चलने वाली 'कोराडिया आईलिंट' नामक इस ट्रेन को फ्रांसीसी कंपनी अल्सटॉम ने बनाया है.
इस ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 140 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
आईलिंट पहली ट्रेन है जो शून्य कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सजर्न करती है।
ट्रेन चलने के दौरान इसमें से केवल भाप बाहर आती है यानी इससे वायु प्रदूषण नहीं होता।
इसे जर्मनी की चार हजार डीजल ट्रेनों का विकल्प बनाने की तैयारी हो रही है।
यदि इस ट्रेन का परीक्षण सफल रहता है, तो जल्द ही 14 और ऐसी ट्रेनें चलाई जाएंगी।
इस ट्रेन का परीक्षण इस साल के अंत तक किया जाएगा और अगले साल के अंत तक यह यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी।
आईलिंट में लिथियम आयन बैटरी लगी है। छत पर हाइड्रोजन ईंधन टैंक लगे है। यह हाइड्रोजन ऑक्सीजन के साथ जलकर ऊर्जा उत्पन्न करता है और अतिरिक्त पदार्थ के रूप में इसमें से केवल पानी निकलता है।
विदित हो कि नीदरलैंड, नार्वे और डेनमार्क भी यह ट्रेन चलाने के लिए रूचि दिखा चुके हैं।
इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा हाइड्रोजन ईंधन से रॉकेट चला चुकी है।
जर्मनी की सड़कों पर हाइड्रोजन से चलने वाली कारों और बसों के साथ परीक्षण तो कई वर्षों से चल ही रहे हैं, जर्मनी के हैम्बर्ग नगर में संसार का ऐसा पहला पानी का जहाज भी चल रहा है, जिसमें हाइड्रोजन गैस ईंधन का काम करती है. यह एक पर्यटक जहाज है, जो पर्यटकों को हैम्बर्ग की अल्सटर झील की सैर कराता है.
No comments:
Post a Comment